‘एमपी’तल्या पत्रकारांनाही हवाय ‘कायदा ‘

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इंदौर :  देशभर में पत्रकारों पर हमले होना आम होता जा रहा हैं इसी के मद्देनज़र पत्रकार सुरक्षा क़ानून को लेकर देशभर के पत्रकार लामबद्ध हो रहे है, साथ ही इंदौर के सेव जर्नलिज्म फाउंडेशन (संस्था) ने पत्रकारों के खिलाफ हो रहीं घटनाओ के मद्देनजर केंद्र ओर राज्य सरकार से शीघ्र अतिशीघ्र “पत्रकार सुरक्षा कानून” लागू किये जाने की मांग की हैं। संस्था द्वारा इस संबध मे “एक पोस्टकार्ड” नामक मुहिम को भी शुरू किया गया हैं । जिसके जरिये देश – प्रदेश के पत्रकारों के साथ अाम नागरिको ओर अन्य संगठनो से केंद्र सरकार को एक पोस्टकार्ड भेज कर “पत्रकार सुरक्षा कानून” लागू किये जाने की मांग की जा रहीं हैं।

इस मुहीम में इंदौर के पत्रकारों की मातृसंस्था “इंदौर प्रेस क्लब” भी सहभागी हो गई । इंदौर प्रेस क्लब अध्यक्ष प्रवीण खारीवाल ने सभी पत्रकारों से इस मुहीम में शामिल होने का अनुरोध किया साथ ही बुधवार को 1000 पोस्टकार्ड इंदौर प्रेस क्लब के माध्यम से प्रधानमंत्री तक पहुँचाने की बात कही। सेव जर्नलिज्म फाउंडेशन (संस्था) के अध्यक्ष और पत्रकार जितेंद्र सिंह यादव ने जानकारी देते हुये बताया की, जहा एक ओर राज्य सरकार द्वारा पत्रकारों के संबंध मे जारी किया अादेश कहता हैं की, पत्रकारों के खिलाफ प्राप्त शिकायत की जांच वरिष्ट पुलिस अधिकारी से कराई जाए, जांच रिपोर्ट के अाधार पर अगामी कार्यवाही की जाए । वही इसके उलट पत्रकारों के खिलाफ शिकायत प्राप्त होने पर सीधे प्रकरण दर्ज किये जा रहे हैं।

उधर कई मामलो मे घटनाओ के शिकार पत्रकारों द्वारा पुलिस को शिकायत करने पर, शिकायत को संदेह की दृष्टि से देखते हुए पहले मामले मे जांच कराई जाती हैं। जिसके बाद महीनो तक प्रकरण दर्ज नहीं किये जाते। हाल ही मे भोपाल मे पत्रकारों के साथ पुलिस द्वारा की गई मारपीट की घटना से स्पष्ट हैं की जब पुलिस ही पत्रकारों के साथ अमानवीय व्यवहार करते हुये उन पर अपराध थोपने पर आमद हो तो, कैसे पत्रकार सुरक्षित रह सकता हैं। लगातार अपराधिक तत्व धनबल का उपयोग कर पूर्वाग्रह से ग्रस्त होकर पत्रकारों के खिलाफ झूठे प्रकरण दर्ज करा रहे हैं। कई मामलो में सच्चाई उजागर करने की कीमत पत्रकारों ने अपनी जान गवाकर चुकाई हैं। लगातार पत्रकारों को धमकियाँ मिल रहीं है| इस तरह के वातावरण स्वस्थ पत्रकारिता के अनुकूल नहीं हैं । लिहाजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस संवेदनशील मुद्दे पर प्राथमिकता से विचार कर अविलंब “पत्रकार सुरक्षा कानून” लागू करे।

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