महाराष्ट्र सरकारने जारी किया वर्किंग जर्नालिस्ट एक्ट की तहत अधिसूचना और अधिकारियोंकी सूची

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महाराष्ट्र से एक बड़ी खबर आ रही है। पत्रकारों और गैर पत्रकारों के वेतन और भत्ता तथा प्रमोशन मामले से जुड़े मजिठिया वेज बोर्ड मामले के लिये महत्वपूर्ण माने जाने वाले वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट के 17 (1) और 17 (2) के तहत  महाराष्ट्र सरकार ने अधिकारियों का वर्गीकरण करते हुये अधिसूचना जारी की। इस अधिसूचना के तहत समिति बनाने का जो आदेश प्राप्त हुआ था उसमें अधिकारियों का दो तरह से वर्गीकरण किया गया है। पहले वर्ग में अधिकारियों का वर्गीकरण है और दूसरे वर्ग में उनके कार्य क्षेत्र के बारे में बताया गया है। अब जो भी पत्रकार या गैर पत्रकार मजिठिया वेज बोर्ड के मुताबिक अपना एरियर, वेतन, सुविधायें आदि चाहता है तो उसे अपने क्षेत्र के संबंधित अधिकारियों के यहां क्लेम करना पड़ेगा।

१७ (१) के तहत मुंबई के सहायक श्रमआयुक्त को इस मामले के निपटारे के लिये अधिकृत किया गया है। उनका कार्य क्षेत्र है मुंबई शहर, मुंबई सर्बबन, मुंबई पूर्व , मुंबई पश्चिम। सहायक श्रमआयुक्त  ठाणे का कार्यक्षेत्र निर्धारित किया गया है ठाणे जिला। इसी तरह सहायक श्रमआयुक्त कल्याण को कल्याण, सहायक श्रमआयुक्त  भिवंडी को भिवंडी जिला ठाणे, पालघर के सहायक श्रमआयुक्त को पालघर जिले की जिम्मेदारी दी गयी है। रायगढ के सहायक श्रमआयुक्त को रायगढ़, रत्नागिरी के सहायक श्रमआयुक्त को सिंधू दुर्ग जिले, पुणे के सहायक श्रमआयुक्त को पुणे का क्षेत्र दिया गया है। सतारा के सहायक श्रमआयुक्त को सतारा, सांगली के सहायक श्रमआयुक्त को सांगली, सोलापुर के सहायक श्रमआयुक्त  को सोलापुर की जिम्मेदारी दी गयी है।

इसी तरह १७ (२) में अतिरिक्तश्रम आयुक्त कोंकन डिविजन को कोंकन, श्रम उपायुक्त मुंबई शहर को मुंबई शहर का प्रभारी बनाया गया है। श्रमउपायुक्त मुंबई सबरबन को मुंबई  पूर्व की जिम्मेदारी दी गयी है। श्रम उपायुक्त मुंबई सर्बबन पश्चिम । श्रमउपायुक्त ठाणे को ठाणे और पालघर जिले की जिम्मेदारी दी गयी है।श्रम उपायुक्त रायगढ़ को रायगढ़ जिले की जिम्मेदारी दी गयी है। अतिरिक्त श्रम आयुक्त पुणे को पुणे डिविजन, श्रमउपायुक्त पुणे जिले को पुणे जिले की जिम्मेदारी दी गयी है। अतिरिक्त श्रमआयुक्त नागपुर को नागपुर डिविजन की जिम्मेदारी दी गयी है।श्रमउपायुक्त नाशिक को नाशिक डिविजन की जिम्मेदारी दी गयी है। श्रम उपायुक्त औरंगावाद को औरंगाबाद डिविजन की जिम्मेदारी दी गयी है।

आखिर क्या है 17 (1)
वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट की धारा १७ (१) कहता है यदि किसी नियोक्ता के पास किसी कर्मचारी या उसके द्वारा अधिकृत व्यक्ति का बकाया राशि है तो कर्मचारी स्वंय या उसकी मृत्यु हो जाने की दशा में मृत्यु के उपरांत उसके परिवार का कोई भी सदस्य बिना किसी न्यायिक प्रक्रिका के वसुली के लिये राज्य सरकार के पास आवेदन कर सकता है। और यदि राज्य सरकार या संबंधित प्राधिकरण बकाये से संतुष्ट होता है कि हां बकाया है तो वह एक प्रमाणपत्र जारी करेगा। यह प्रमाणपत्र कलेक्टर को भेजा जायेगा पिर कलेक्टर वसुली की प्रक्रिया शुरु करेंगे।

क्या है 17 (2)
वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट की धारा १७(२) कहती है कि यदि राज्य सरकार को कोई संदेह होगा तो वह उसेश्रम न्यायालय में भेजेगी। और जांच तथा समाधान के लिये कहेगी। और उसके बाद श्रम न्यायालय कानून के तहत आगे की कारवाई करेगी।

संबंधित लिंक : http://labour.nic.in/sites/default/files/WorkingJournalistsAct1955_0.pdf

शशिकांत सिंह
पत्रकार और आरटीआई एक्टीविस्ट
९३२२४११३३५

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