प्रेस काॅन्सिल म्हणे गंभीर झाले…

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    भारतीय प्रेस परिषद ने उत्तरप्रदेश के शाहजहांपुर में पत्रकार की हत्या मामले में गंभीर रुख अपनाया है। परिषद के अध्यक्ष जस्टिस सीके प्रसाद ने कहा कि उक्त प्रकरण में एक मंत्री का नाम है, लिहाजा उत्तरप्रदेश सरकार निष्पक्ष जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआइटी) का गठन करे। साथ ही इस प्रकरण से जुड़े सही तथ्यों को सामने लाने के लिए परिषद की सत्यान्वेषी दल को मौके पर भेजा जाएगा।
    बीजापुर स्थित राज्य अतिथिगृह में पत्रकारों से बातचीत में जस्टिस प्रसाद ने कहा कि पत्रकार की जलाकर हत्या करने का मामला दुखद है। परिषद इसकी घोर भ‌र्त्सना करती है। प्राथमिकी में एक मंत्री का नाम आने के बाद यह राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वह निष्पक्ष जांच कराए। एसआइटी का जिम्मा ऐसे लोगों को सौंपा जाना चाहिए, जिनकी निष्पक्षता जगजाहिर हो। उन्होंने कहा कि परिषद की टीम स्थानीय लोगों से जानकारी जुटाकर आगे की कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा कि परिषद को कागजी शेर नहीं कहा जा सकता। परिषद के पास कानूनी अधिकार भले ही न हों, लेकिन वह नैतिक दबाव बनाने में पूरी तरह सक्षम है। लोकतंत्र में यह दबाव बेहद अहम है। उन्होंने कहा कि उक्त प्रकरण की निष्पक्ष जांच में परिषद के तथ्य अहम साबित हो सकते हैं।
    परिषद के सदस्य के अमरनाथ ने कहा कि देश में ढाई दशक में 79 पत्रकारों की हत्या के मामले सामने आए। पत्रकारों की सुरक्षा न होना चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि पत्रकारों पर हमले और उनकी हत्या से जुड़े आंकड़ों को व्यवस्थित करने के लिए परिषद काम करेगी।

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