पत्रकारांवर हल्ले कऱणार्‍यांना रासुका लावा

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काशीतील पत्रकारांची मागणी
 
राणसी। स्वस्थ लोकतंत्र के लिए कलम की आजादी जरूरी है। परन्तु राजनीति के अपराधीकरण के चलते आये दिन पत्रकारों और मीडियाकर्मियों पर हमले हो रहे हैं, हत्याएं हो रही हैं। बिहार के सिवान में पत्रकार राजेदव रंजन और झारखण्ड के चतरा में टीवी पत्रकार इन्द्रदेव की हत्या के बाद भी सिलसिला थमा नहीं और अगले ही दिन मथुरा के रत्नेश चौहान की भी गोली मारकर हत्या कर दी गयी। सच का पक्ष लेने वाले पत्रकारों पर हमले जारी हैं।
 
इस अतिसंवेदनशील मुद्दे पर केन्द्र और प्रदेश सरकार की कुम्भकर्णी नींद टूटनी चाहिए। मिशन की पत्रकारिता करने वालों के पीछे सभ्यसमाज हमेशा खड़ा रहता है। यह बातें बुधवार को पूर्वाह्न काशी पत्रकार संघ के तत्वावधान में पत्रकारों की हत्या के विरोध में निकले जुलूस के बाद सभा में पत्रकारों ने कहीं। इसके पहले जुलूस लहुराबीर स्थित आजाद पार्क से शुरु होकर कबीर चौरा होता हुआ पराड़कर स्मृति भवन पहुंच कर सभा में तब्दील हो गयी। विधायक अजय राय ने कहा कि पत्रकार ही समाज को आइना दिखाते हैं। आइना क्षतिग्रस्त होगा तो शक्ल भी बदसूरत नजर आएगी। पत्रकारों की सुरक्षा जरूरी है। विधायक रविन्द्र जायसवाल ने पत्रकारों के हत्यारों पर धारा 302 के साथ-साथ रासुका लगाने की जोदार वकालत की।

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